Abe Zam Zam Peene Ki Dua In Hindi आबे ज़म ज़म का पानी पीने का सही तरिका और दुआ Abe zam zam ki suruat kaise hua आबे ज़म ज़म की शुरुआत कैसे हुआ पूरी दुनिया जानती हैं कि अल्लाह के हुक्म पर हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपने बीवी हज़रत हाज़रा अलैहस्सलाम और बेटे इस्माईल अलैस्सलाम को ऐसे वीरान जगह पर छोड़ कर चले गये थे जहाँ पानी का एक बूंद कतरा भी न था लेकिन जब इस्माईल अलैस्सलाम ( जो अभी दूध पीते बच्चें थे ) प्यास के मारे जमीन में अपनी एडिया रगड़ रहे थे तब अल्लाह के हुक्म से जमीन से एक चश्मा जारी हुआ जिसका नाम ज़मज़म पड़ा Abe zam zam peene ki dua अगर मुस्लिम (मुस्लमान) होतो किबला रुख खड़े बिस्मिल्लाह पढ़े फिर ये दुआ पढ़े 4. पीने के बाद अल्हम्दुलिल्लाह पढ़े Hindi अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका इल्मन नाफिया व रिज़्क़न वासिआ व शिफा अम मिन कूल्ली दाअ Translation ए अल्लाह मैं तुझ से इल्मे नाफे का और रिज्क की कुशादगी का और बीमारी से शिफ़ा का सवाल करता हूँ
Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua| मस्जिद में दाखिल होने की दुआ मस्जिद ( Masjid ) वह जगह है जहाँ अल्लाह की इबादत की जाती है हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत मस्जिद ( Masjid ) में जा कर करनी चाहिए| क्यूंकि मस्जिद में की गयी इबादत घर में की जाने वाली इबादत से 10 गुना ज्यादा सवाब मिलता है इस्लाम धर्म में छोटी छोटी दुआ ( Dua ) से भी बेशुमार नेकिया मिलती है क्या पता एक छोटी सि दुआ ( Dua ) खुदा को पसंद आ जाए इसीलिए जब कभी भी कुछ काम करें तो उस काम की दुआ पढ़ लिया करें जैसे घर से बाहर जाने की दुआ पढ़ लिया करें और जब मस्जिद पहुंच जाए तो मस्जिद में दाखिला Dakhil होने की दुआ पढ़े और जब मस्जिद से बाहर आये तब भी मस्जिद से बाहर आने की दुआ ( Dua ) पढ़े Masjid- मस्जिद में दाखिल (Dakhil) होते समय पहले सीधा (दाहिना) पैर अंदर रखना है फिर ये दुआ पढ़ते हुए अंदर जाना होता है | Masjid Me Jane Ki Dua ( मस्जिद में जाने की दुआ ) दुआ: "अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका" तर्जुमा: ए अल्लाह तू अपनी रेहमत के दरवाजे मेरे लिए खोल दे Masjid Se Bahar Nikalne Ki Dua (मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ) दुआ: "अल्लाह...
Comments
Post a Comment